देवारण्य योजना के तहत कृषकों को दियागया प्रशिक्षण 

हरदा / आयुष आधारित देवारण्य योजना के क्रियान्वयन हेतु आज शनिवार को कलेक्टर श्री ऋषि गर्ग के मार्गदर्शन अनुसार हितग्राही कृषकों को आयुष विभाग, उद्यानिकी विभाग एवं कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण जिला पंचायत सभागृह में आयोजित किया गया। जिला आयुष अधिकारी डॉ. अनिल वर्मा ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत किसानों के आर्थिक उन्नयन हेतु औषधीय पौधों की खेती एवं उनकी उपज को सीधा मार्केट से जोड़कर प्रचलित फार्मा कंपनियों से अनुबंधित कराया जावेगा। इस प्रशिक्षण में स्थानीय किसान  उपस्थित थे। उपस्थित किसानों को देवा रानी योजना की जानकारी दी गई।  इस अवसर पर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा से श्रीमती प्रियंका मेहरा, उद्यानिकी विभाग से श्री धूम सिंह, कृषि विभाग से श्री अखिलेश पटेल, एवं कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक भी मौजूद थे ।

पिछले 24 घंटों में जिले में 12 मि.मी. औसत वर्षा हुई

हरदा/ जिले में गत चौबीस घंटों में 12 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज की गई है। अधीक्षक भू-अभिलेख ने बताया गत चौबीस घंटे में हरदा तहसील में 14 मि.मी., टिमरनी में 20.8 मि.मी., खिरकिया में 1.2 मि.मी. वर्षा दर्ज की गई। इस वर्ष अब तक हरदा तहसील में 743.1 मि.मी., टिमरनी में 992.6 मि.मी., खिरकिया में 502.9 मि.मी. वर्षा दर्ज की गई। इस तरह इस वर्ष अब तक जिले में 746.2 मि.मी. औसत वर्षा हो चुकी है। अधीक्षक भू-अभिलेख ने बताया कि गत वर्ष की 23 जुलाई तक 358 मि.मी. औसत वर्षा हो चुकी थी। गत वर्ष 23 जुलाई तक हरदा तहसील में 404.5 मि.मी., टिमरनी में 384.1 मि.मी., खिरकिया में 285.4 मि.मी. वर्षा दर्ज की गई।


दस्तक अभियान-बच्चों को सेहतमंद बनाने के लिए घर  दस्तक

हरदा / पाँच साल तक के बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण के स्तर को ठीक रखने के उद्देश्य से दस्तक अभियान 18 जुलाई से शुरू किया गया है यह अभियान 31 अगस्त तक जारी रहेगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एच.पी. सिंह ने बताया कि अभियान में एएनएम, आशा और आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का संयुक्त दल घर-घर जाकर 5 वर्ष तक की उम्र के बच्चों के स्वास्थ्य की जाँच कर बीमारियों की पहचान कर रहे है। इसके अलावा इस अवधि में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा अभियान भी संचालित कर छोटे बच्चों में होने वाले दस्त रोग की पहचान प्रबंधन और उपचार के विषय में लोगों को जानकारी दी जा रही है। बच्चों में होने वाले निमोनिया की त्वरित पहचान करने, प्रबंधन करने और रेफरल के विषय में भी परिवारों को जागरूक किया जा रहा है।

डॉ. सिंह बताया कि दस्तक अभियान में गंभीर कुपोषित बच्चों की सक्रिय पहचान और प्रबंधन की जानकारी लोगों को दी जाएगी। साथ ही 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों का डिजिटल हिमोग्लोबिनो मीटर के उपयोग से गंभीर एनीमिया अर्थात खून की कमी की स्क्रीनिंग कर उसका प्रबंधन किया जाएगा। दस्त की रोकथाम के लिए ओआरएस और जिंक के उपयोग के प्रति सामुदायिक जागरूकता लाई जाएगी। जिन घरों में 5 वर्ष तक की आयु के बच्चे हैं, वहाँ ओआरएस पेकेट्स का वितरण भी किया जाएगा। इसके अतिरिक्त 9 माह से 5 वर्ष तक के सभी बच्चों को विटामिन ए का घोल पिलाया जाएगा।

बच्चों में दिखने वाली जन्मजात विकृतियों की पहचान कर उनमें आवश्यक प्रबंध किया जाएगा। अभियान में बच्चों और शिशुओं को संतुलित आहार के विषय में जानकारी दी जाएगी। एसएनसीयू और एनआरसी से छुट्टी प्राप्त बच्चों की बीमारी की स्क्रीनिंग और आवश्यकतानुसार रेफ़रल भी किया जाएगा। गृह भेंट के दौरान आंशिक रूप से टीकाकृत और टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों का टीकाकरण भी किया जाएगा।


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