इसरो व रिमोट सेंसिंग सेंटर से मिली जानकारी से विकास की रणनीति तैयार होगी


आईएस के माध्यम से हरदा जिले के विकास को मिल

इसरो व रिमोट सेंसिंग सेंटर से मिली जानकारी से विकास की रणनीति तैयार होगी


हरदा / रीजनल रिमोट सेंसिंग सेंटर इसरो नागपुर के उप महाप्रबन्धक श्री जी. श्रीनिवासन ने सोमवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में पावर पॉइन्ट प्रेजेन्टेशन के माध्यम से बताया कि इसरो की मदद से सेटेलाइट के माध्यम से जिले की मूलभूत जानकारी प्राप्त की जाएगी और इस जानकारी के आधार पर हरदा जिले के विकास की रणनीति तैयार की जाएगी, जिससे विकास को गति मिलेगी। उन्होने बताया कि प्रदेश में इस तरह की विकास योजना सर्व प्रथम हरदा जिले में ही लागू किया जाना प्रस्तावित है। उन्होने कहा कि पहले किसी एक गांव को पायलट प्रोजेक्ट के तहत चयनित कर उस गांव का डाटाबेस सेटेलाईट पिक्चर्स के माध्यम से प्राप्त जानकारी के आधार पर तैयार किया जाएगा। इस अवसर पर कलेक्टर श्री ऋषि गर्ग, इसरो नागपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सुभ्रान्त एन. दास व जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री राम कुमार शर्मा सहित विभिन्न विभागों के जिला अधिकारी मौजूद थे। 

इसरो नागपुर के उप महाप्रबन्धक श्री श्रीनिवासन ने इस अवसर पर बताया कि हरदा जिले के विकास के लिये एक प्रारूप प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है, जिसके तहत वेब बेस्ड इन्फारमेशन सिस्टम विकसित किया जाएगा। शासन के विभिन्न विभागों को विकास की रणनीति तैयार करने में इस इन्फारमेशन सिस्टम के माध्यम से मदद मिलेगी। उन्होने कहा कि कृषि, सिंचाई, मछली पालन, ग्रामीण विकास, उद्यानिकी, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, शिक्षा, वन विभाग की विकास योजनाएं इस इन्फारमेशन सिस्टम के आधार पर प्राप्त जानकारी से तैयार होंगी तो निश्चित ही विकास को गति मिलेगी। इसरो की सेटेलाइट पिक्चर्स के माध्यम से प्राप्त जानकारी के आधार पर प्राकृतिक आपदाओं से फसल क्षति के मामले में राहत प्रकरण तैयार करने में भी आसानी होगी। श्री श्रीनिवासन ने कहा कि सेटेलाइट पिक्चर्स से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर इसरो द्वारा हरदा जिले के लिये एक मोबाइल एप भी तैयार किया जाएगा, जिसके आधार पर जिले में उपलब्ध शासकीय परिसम्पत्तियों की जानकारी एक नजर में देखी जा सकेगी। कलेक्टर श्री गर्ग ने इस अवसर पर श्री श्रीनिवासन एवं श्री दास का आभार प्रकट किया। उन्होने कहा कि जिले में उपलब्ध संसाधनों की सही-सही जानकारी प्राप्त होने से जिले के विकास की रणनीति तैयार करने में आसानी होगी। साथ ही शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन की मॉनिटरिंग भी आसानी से की जा सकेगी। 


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