देसी आम ढूंढते रह जाओगे, अब एहसास होने लगा 

दैनिक म्हारो स्वदेश,
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,, हरदा जिले में देसी आम इस प्रकार उत्पादन था कि सड़कों की नालियों में गुठलियों से नालियां चोक हो जाया करती थी किंतु आज वर्तमान समय में देसी आम ढूंढने से भी नहीं मिल पा रहे हैं इसका मुख्य कारण आम जनता का मौन है वहीं पर्यावरण से प्रेम करने वाले भी इस ओर ध्यान देने में रूचि नहीं लेते इसका मुख्य कारण यहां हुआ की हरदा जिले मैं आम का बंपर उत्पादन सुनने की ओर हो चला है हरदा जिले में ऐसा कोई ग्रामीण क्षेत्र नहीं था यहां पर आम राही नहीं हुआ करती थी किंतु आज कोसों दूर तक आम के पेड़ों की मधुर छाया नजर नहीं आती इसमें वन माफिया तो दोषी है ही साथ ही आम के पेड़ बेचने वाले स्वार्थी भी शामिल है अधिकारी भी इसमें अहम भूमिका निभा रहे हैं आम के पेड़ की कटाई के नाम पूरे का पूरा पेड़ ही काट दिया जाता है मौके पर कोई जांच किए बगैर ही आम के फलदार हरे पेड़ों को काट दिया जाता है इस कार्य में अधिकारी से लेकर कर्मचारी निश्चित राशि लेकर वन माफिया से सांठगांठ कर कर इस व्यापार को फल फूल  रहे हैं जिसके चलते हरदा जिले में हरे आम के व्यक्तियों का कोसों दूर तक टोटा पड़ गया है उसी के कारण आज हरदा जिले में देसी आप घूमने से भी नहीं मिल रहे हैं यह बात आज इसलिए लिखने में आई क्योंकि आज वट पूर्णिमा है इस दिन देसी आम चढ़ाकर महिलाएं पूजा करती है देसी आम का बहुत महत्व रहता है इसलिए आज बाजार में घूम कर देखा गया तो देसी आम का टोटा नजर आया लोगों से चर्चा में बात सामने यही आई हरदा जिले आम उत्पादन में अव्वल जिले में जाना जाता था  पाली जिले में हरदा जिले के देसी आम प्रसिद्ध थेकिंतु अब पेड़ों को काटकर  अन्य जिले में जाते हैं हरदा जिले में विशेषकर मुख्यालय हरदा में हरे आम के वृक्षों की  ट्रैक्टर ट्राली देखी जा सकती है समाचार पत्र में पूर्व में भी यही कॉलम के साथ प्रशासन को जगाने का कार्य किया था किंतु बेअसर साबित हुआ हरदा जिले के बचे हुए आम के पेड़ों को बचाना है तो आम जनता, बुद्धिजीवी वर्ग एवं पर्यावरण से प्रेम करने वाले भाइयों से मेरा निवेदन है कि इस अभियान में आगे आए और कलेक्टर को शिकायत करें हरे आम की कटाई की कटाई पर रोक लगाकर दंडात्मक कार्रवाई करने का कष्ट करें तभी हरदा जिले में बचे हुए आम के पेड़ बच सकते हैं अन्यथा आने वाली पीढ़ियों के लिए देसी आम केवल नेट पर ही सर्च करने पर उपलब्ध हो पाएंगे हरदा जिले की शान कहलाने वाले देसी आम का टोटा चिंताजनक ,,,, ठाकुर भगत सिंह चौहान संपादक दैनिक म्हारो स्वदेश

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