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दैनिक म्हारो स्वदेश
आज का दिन
महिला दिवस के रूप में मनाया जा रहा है क्योंकि नारी के अस्तित्व से लेकर नारी के पतन का इतिहास काफी लंबा है नारी अबला है तो नारी ज्वाला भी है भारत की संस्कृति और इतिहास की बात करें तो नारी का अस्तित्व बहुत महत्वपूर्ण है रामायण से लेकर महाभारत सब नारी के अस्तित्व पर आधारित है हमारी संस्कृति में नारी पूजनीय है मां के रूप में बहन के रूप में कन्या के रूप में एवं घर की लक्ष्मी के रूप में पूजनीय है हमारे शास्त्रों के अनुसार भी नारी के अस्तित्व को नमस्कार किया है नारी तू नारायणी नमोस्तुते नमोस्तुते से सम्मानित है नारी के अस्तित्व पर अगर हम बात करें तो रामायण काल में माता सीता ने अपने अस्तित्व की रक्षा करते हुए अशोक वाटिका में रहकर नारी के अस्तित्व की रक्षा करी, महाभारत काल में द्रोपदी ने भरी सभा में नारी को कलंकित होने नहीं दिया और नारी के अस्तित्व को कायम रखा महाभारत का युद्ध अगर देखें तो नारी अस्तित्व का ही युद्ध नजर आएगा द्रोपति ने जीवन भर अपने केशों को नहीं बांधा पांडवों द्वारा कसम पूर्ण होने पर ही द्रोपदी ने अपने केस को बांधे और नारी के अस्तित्व का मान बढ़ाया जब जब भारत भूमि पर बाहरी आक्रमणकारियों ने आक्रमण किए और धोखे से युद्ध किए उन युद्ध में जब राजा वीरगति को प्राप्त हो जाते थे तो रानियों ने अपनी वीरता का परिचय दिया लड़ते लड़ते वीरगति हो गई किंतु अपने नारी के अस्तित्व को खंडित नहीं होने दिया मुगल काल मैं रानी पद्मावती और 16000 सहेलियों के साथ नारी के अस्तित्व को बचाने के लिए जलती हुई आग में कूदकर बलिदानी हो गई और नारी के अस्तित्व को बचाए रखा नारी ने अपने अस्तित्व को बचाने के लिए कई बलिदान दिए, ब्रिटिश काल में झांसी की रानी एवं नारी सेना ने 18 57 का इतिहास अपने बलिदानों से लिख दिया नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने नारी को सम्मानित करते हुए आजाद हिंद फौज में नारी सेना बनाई, नारी एवं पुरुष में भेद नहीं रखा आजादी के महायुद्ध में महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर आंदोलनों में अपना बलिदान दिया नारी ने हमेशा नारी के अस्तित्व को बनाए रखा आजाद भारत में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठा कर अपना बलिदान दिया किंतु आतंकवादियों के आगे नहीं झुकी, यही नहीं पाकिस्तान युद्ध के समय भी दुर्गा का रूप धारण करके दुश्मनों तो दिखला दिया की नारी का अस्तित्व एवं उसकीशक्ति को अबला समझना मूर्खता है नारी के अस्तित्व एवं राष्ट्र की रक्षा के लिए हमेशा नारी पुरुष के मुकाबले में पीछे नहीं हटी आज भारत वर्ष में नारी को पूजनीय माना है और यह इस सम्मान के लायक भी है नारी का पतन स्वयं नारी ही नारी से ईर्ष्या करके पतन की ओर ले जा रही है भारतीय संस्कृति और सभ्यता मैं नारी आज भी पूजनीय है और सृष्टिके अंत तक नारी पूजनीय रहेगी इसीलिए शास्त्रों के अनुसार नारी तू नारायणी नमोस्तुते नमोस्तुते नमोस्तुते
--डॉ. मनोरमा चौहान, हरदा म. प्र.
अपमान मत करना नारियों का इनके बल पर जग चलता है पुरुष जन्म लेकर तो इन्हीं की गोद में पलता है। ।
दैनिक म्हारो स्वदेश
नारी मनुष्य के जीवन की जन्म दात्री है जो स्त्री का अपमान करता है जो मां का अपमान करता है उसका पतन निश्चित है इतनी मनोहर नहीं जितनी कि सुशील और सुंदर नारी जहां नारियों का आदर होता है वहां देवता निवास करते हैं।
नारी से जग है और जगत की जन्म दात्री नारी है नारी के बिना यह जीवन असंभव है इसलिए हम सभी को नारी का आदर करना चाहिए और कभी भी नारी को कमजोर नहीं समझना चाहिए नारी कोई अबला लाचार बेबस नहीं है नारी से कल है और नारी से ही आज है
नारी शक्ति जिंदाबाद😊
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स्त्रियों की स्थिति में सुधार न होने तक विश्व के कल्याण की कोई कल्पना नहीं हो सकती. किसी पंक्षी का एक पंख के सहारे उड़ना बिलकुल असम्भव हैं....pd
प्रिया,,,,,,,,,,,दैनिक म्हारो स्वदेश,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
: : विश्व में कोई वस्तु इतनी मनोहरी नहीं, जितना कि सुशील और सुंदर नारी...
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नारी शारीरिक रूप से कमजोर नहीं होतीहै इन्हें मानसिक रूप से कमजोर पुरुष समाज ने बनाया है शीतल,,,,
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,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,शीतल,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,