हाईकोर्ट ने माना गंभीर प्रवृत्ति का है अपराध
युवती ने दर्ज कराई थी एफ आई आर 5 माह पूर्व
हरदा/जबलपुर/हरदा में एस डी एम के पद पर सेवा दे चुके हैं संतोष वर्मा, हरदा की नारायण टॉकीज को आनन-फानन में जमीनों खाक
करने में उनका नाम चर्चा में बना संतोष वर्मा की हरदा में एक अच्छी छवि भी बनी थी बाद में ईमानदारी का चोला ओढ़ कर माल कमाने में कोई कसर नहीं छोड़ी हरदा की चर्चाओं में संतोष वर्मा हमेशा चर्चा का विषय बने रहते हैं 5 महीने पहले गिरफ्तार हुए संतोष वर्मा को कुछ दिन और जेल की सलाखों के पीछे रहना होगा। कोर्ट का फर्जी फैसला बनाकर आईएएस अवॉर्ड लेने के मामले में आरोपी संतोष को सेशन कोर्ट के बाद अब हाईकोर्ट से भी जमानत नहीं मिल सकी। बुधवार को हाईकोर्ट ने तीन पेज के फैसले में जमानत याचिका खारिज करते हुए इसे गंभीर प्रकृति का अपराध बताया। एमजी रोड पुलिस थाने में वर्मा के खिलाफ दर्ज एफआईआर की जांच चल रही है और पुलिस ने अभी चालान पेश नहीं किया है। फिलहाल तो वर्मा को जेल में ही रहना पड़ेगा। उसकी वॉट्सऐप चैट और अन्य चौंकाने वाली जानकारी पिछले दिनों पुलिस जांच में उजागर भी हुई।
नगरीय प्रशासन विभाग भोपाल में पदस्थ रहे आईएएस संतोष वर्मा 27 जून को एमजी रोड पुलिस ने वर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेज तैयार करने के आरोपों में प्रकरण दर्ज किया था। वर्मा के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाली एक युवती हर्षिता ने लसूडिय़ा थाने में उसके खिलाफ मारपीट की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। उसकी शिकायत के आधार पर ही फर्जी आईएएस का खुलासा हुआ।
वर्मा ने फर्जी रिपोर्ट पेश कर खुद को दोषमुक्त बताते हुए आईएएस कैडर हासिल कर लिया था। पुलिस द्वारा प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तारी करने के बाद शासन ने भी उसे निलंबित कर दिया। बुधवार को इंदौर हाईकोर्ट ने भी संतोष वर्मा की याचिका खारिज कर दी। न्यायाधीश सत्येन्द्र कुमार सिंह ने तीन पेज का यह आदेश भी जारी किया। अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्यमित्र भार्गव ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि हाईकोर्ट ने संतोष वर्मा के अपराध को गंभीर प्रवृत्ति का माना है लिहाजा जमानत नहीं दी जा सकती।
नगरीय प्रशासन विभाग भोपाल में पदस्थ रहे आईएएस संतोष वर्मा को पुलिस ने विशेष न्यायधीश (सीबीआई और व्यापमं) विजेंद्र रावत के फर्जी साइन कर फर्जी डीपीसी तैयार करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। न्यायधीश की रिपोर्ट पर एमजी रोड पुलिस ने 27 जून को आरोपी वर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी व कूटरचित दस्तावेज तैयार करने का केस दर्ज किया था। वर्मा के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाली हर्षिता ने लसूड़िया थाने में उसके खिलाफ मारपीट का केस दर्ज कराया था। वर्मा ने फर्जी रिपोर्ट पेश कर दी थी, जिसमें उसने खुद को दोष मुक्त बताकर आईएएस कैडर हासिल किया था। आरोपी वर्मा को निलंबित कर दिया गया था।