दैनिक म्हारो स्वदेश, भगत सिंह चौहान
*स्कूल जाने योग्य सभी बच्चों को विद्यालय में प्रवेश दिलाना सुनिश्चित करें*
*कलेक्टर श्री गुप्ता ने जिला परियोजना प्रबन्धन समिति की बैठक में दिये निर्देश*
हरदा/ कलेक्टर श्री संजय गुप्ता ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में शिक्षा विभाग की जिला परियोजना प्रबन्धन समिति की बैठक लेकर शाला प्रवेशोत्सव अभियान की विस्तार से समीक्षा की और निर्देश दिये कि 6 से 14 वर्ष आयु के सभी बच्चों को प्राथमिकता से स्कूलों में प्रवेश दिलाया जाये। उन्होने कहा कि कोई भी बच्चा स्कूल में प्रवेश से छूटे नहीं। कलेक्टर श्री गुप्ता ने जिला शिक्षा केन्द्र के जिला परियोजना समन्वयक को निर्देश दिये कि शिक्षकों के माध्यम से घर-घर सम्पर्क कर यह पता लगाया जाए कि घर में कोई बच्चा ऐसा तो नहीं है, जिसकी स्कूल जाने की उम्र तो है लेकिन उसने स्कूल में प्रवेश नहीं लिया है। यदि ऐसा बच्चा पाया जाए तो उसे तुरन्त स्कूल में प्रवेश दिलाया जाये। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. राम कुमार शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी श्री प्रजापति के साथ-साथ सभी विकासखण्डों के विकासखण्ड स्रोत समन्वयक तथा विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी व जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी भी मौजूद थे। कलेक्टर श्री गुप्ता ने बैठक में विद्यार्थियों को गणवेश वितरण व पाठ्यपुस्तक वितरण की विकासखण्डवार प्रगति की समीक्षा भी की।
कलेक्टर श्री गुप्ता ने जिला शिक्षा अधिकारी व जिला परियोजना समन्वयक को शालाओं में बच्चों के प्रवेश व नामांकन की प्रगति की प्रतिदिन समीक्षा करने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि जिन बच्चों का आधार पंजीयन न होने से स्कूल में प्रवेश नहीं हो पा रहा है, ऐसे बच्चों का आधार पंजीयन प्राथमिकता से कराया जाए। उन्होने कहा कि जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी बच्चों के आधार पंजीयन के लिये आवश्यक सहयोग करें ताकि सभी बच्चों का नाम स्कूलों में दर्ज हो सके। उन्होने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिये कि सभी शिक्षकों का कोविड वेक्सीनेशन शतप्रतिशत हो जाए, यह सुनिश्चित करें। जिन शिक्षकों को दूसरा डोज अभी नहीं लगा है तो उन्हें दूसरा डोज लगवाने के लिये कहें।
जिला परियोजना समन्वयक ने बैठक में बताया कि इस वर्ष से राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा विद्यार्थियों को पाठ्यपुस्तक वितरण की ऑनलाईन मॉनिटरिंग व ट्रेकिंग की जा रही है। उन्होने बताया कि जिले में महिला स्वसहायता समूहों के माध्यम से कक्षा आठवीं तक के विद्यार्थियों की दो-दो जोड़ी गणवेश तैयार कराई जा रही है। जिला शिक्षा अधिकारी श्री प्रजापति ने बैठक में बताया कि विद्यार्थियों का मूल्यांकन वाट्सअप पर प्रश्न भेजकर करने की व्यवस्था राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा की गई है लेकिन विद्यार्थियों के पास मोबाईल न होने से इसमें कम बच्चे शामिल हो पाते है। कलेक्टर श्री गुप्ता ने बैठक में निर्देश दिये कि जिन विद्यार्थियों के पास मोबाईल नहीं है, शिक्षक अपने मोबाईल के माध्यम से विद्यार्थियों का मूल्यांकन कार्य सम्पन्न कराएं।
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*वनवासियों की समस्याओं के निराकरण के लिये शिविर आयोजित*
हरदा / कलेक्टर श्री संजय गुप्ता ने सभी तहसीलदारों को निर्देश दिये है कि दूरस्थ ग्रामों में रहने वाले ग्रामीण जनों की समस्याओं के निराकरण के लिये ग्राम पंचायत स्तर पर जनसमस्या निवारण शिविर आयोजित किये जाये। इसी क्रम में ग्राम राजाबरारी ग्राम पंचायत भवन में गत दिवस जन समस्या निवारण शिविर का आयोजन किया गया, जिसमे ग्रामवासियो की विभिन्न समस्याओं से संबंधित लगभग 150 आवेदन प्राप्त हुये। इसके अलावा 6 सितम्बर को ग्राम सालई ठेका एवं रातामाटी मे जन समस्या निवारण शिविर का आयोजन किया गया। तहसीलदार रहटगाव श्रीमति विकी सिंहमारे ने बताया कि शिविर में ग्रामवासियों की समस्याएं सुनकर उनका निराकरण किया गया और उन्हें शासकीय योजनाओं की जानकारी दी गई। शिविर में ग्रामीणों से योजनाओं से संबंधी आवेदन प्राप्त किये गये। शिविर में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डॉ. राम कुमार शर्मा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत टिमरनी श्री अशोक उईके सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे। इसी तरह का जन समस्या निवारण शिविर 8 सितम्बर को वनग्राम उचाबरारी एवं 9 सितम्बर को ग्राम टेमरूबहार मे आयोजित किया जावेगा।
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*‘‘पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन योजना’’ के तहत आवेदन आमंत्रित*
हरदा/ भारत सरकार ने ऐसे बालक/बालिकाओं जिन्होने कोविड-19 माहमारी के कारण 11 मार्च 2020 से माहमारी के समाप्त होने तक अपने माता-पिता, जीवित माता-पिता (दोनों में से किसी एक का पूर्व में निधन हो चुका था एवं अन्य का 11 मार्च 2020 के उपरांत कोविड-19 से निधन हुआ है), कानूनी अभिभावक या दत्तक माता-पिता को खो दिया है। ऐसे बालक-बालिकाओं के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र सिंह मोदी द्वारा ‘‘पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन योजना’’ लागू की गयी है। महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री संजय त्रिपाठी ने बताया कि ‘‘पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन योजना’’ अंतर्गत 18 से कम आयु के बालक/बालिकाओ जिन्होने अपने माता-पिता को खो दिया है, के कल्याण, स्वास्थ्य बीमा के माध्यम से उनके स्वास्थ्य की देखभाल, शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाने के उद्देश्य से तथा 23 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिये जाने हेतु ‘‘पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन योजना’’ प्रारम्भ की गयी है। इस योजना हेतु निर्मित वेबसाइट पर आवेदन किया जा सकता है। योजना से संबन्धित आवश्यक दस्तावेज़ मय आवेदन कार्यालय महिला एवं बाल विकास विभाग, संयुक्त कलेक्ट्रेट परिसर हरदा में कार्यालयीन समय पर जमा किये जा सकते है। आवेदन की प्रक्रिया पूर्णतः निःशुल्क है।
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*जलजनित बीमारियों से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी*
हरदामुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुधीर जैसानी ने बताया कि वर्षा ऋतु में मुख्य रूप से दूषित जल के उपयोग के कारण होने वाली बीमारियां ही देखी जाती है। दूषित जल के सेवन से टाइफाईड, पीलिया, डायरिया, पैचिश एवं हैजा जैसी बीमारियाँ भी फैलती हैं। अतः भोजन बनाने में एवं पेयजल के रूप में शुद्ध उबला हुआ जल का उपयोग करें। कुछ भी खाने के पहले व शौच के पश्चात साबुन से अवश्य हाथ धोयें।
देश में जलजनित रोगों से सबसे अधिक यानि लगभग 80 प्रतिशत मौतें होती हैं। बारिश में यह समस्या बढ़ जाती है। पानी और अस्वच्छ आदतों से फैलने वाली बीमारियों को मौटे तौर पर दस्त, कृमि संक्रमण, त्वचा और आंखों के रोग, मच्छरों एवं मक्खियों से फैलने वाले रोग सम्मिलित हैं। दूषित पानी के कारण प्रायः दस्त रोग फैलता है। मुख्य रूप से बच्चों में यह अधिक गंभीर रूप धारण कर सकता है। यह रोग इसलिये भी गंभीर है क्योकि शरीर में से पानी निकल जाने से बच्चे की मृत्यु भी हो सकती है। दस्त रोग की रोकथाम हेतु प्रायः शुद्ध पेयजल एवं शुद्ध भोजन का उपयोग करें। सड़े-गले फल एवं खाद्य पदार्थाे का उपयोग न करें, खाना खाने से पहले एवं शौच के बाद साबुन से अवश्य हाथ धोयें, खुले शौच न करें, शौचालय का उपयोग करें। घर के आसपास साफ-सफाई रखें, दस्त लग जाने पर ओ.आर.एस. एवं जिंक सल्फेट गोली का उपयोग चिकित्सक की सलाह अनुसार करें। खाने-पीने की वस्तुओं को ढंक कर रखें, मक्खियों से बचाव करें, हरी सब्जी एवं फलों को उपयोग करने के पहले साफ पानी धोकर उपयोग करें।
मानसून के दौरान बहुत से लोगों को आंखो के रोग हो जाते हैं। आंखो में खुजली एवं आंखें लाल हो जाती है, चिपचीपी हो जाती है, सफेद और पीले रंग का पदार्थ जमा हो जाता है। इस रोग को आई फ्लू, कंजक्टिवाईटिस या आंखें आना के रूप में जाना जाता है। कंजेक्टिवाइटिस का संक्रमण आपसी संपर्क के कारण फैलता है। इस रोग का वायरस संक्रमित मरीज के उपयोग की किसी भी वस्तु जैसे रूमाल, तौलिया, टॉयलेट की टोंटी, दरवाजे का हैंडल, टेलीफोन के रिसीवर से दूसरों तक पहुँचता है। कम्प्युटर का बोर्ड भी इसे फैलाने में सबसे बड़ा सहायक साबित होता है। आँखे आने पर बार-बार अपने हाथ एवं चेहरे को ठंडे पानी से धोयें, परिवार के सभी सदस्य अलग-अलग तौलिये एवं रूमाल का उपयोग करें, स्वच्छ पानी का उपयोग करें, बार-बार आँखों को हाथ न लगायें, धूप के चश्मे का प्रयोग करें, चिकित्सक को दिखायें।
बरसात में मलेरिया/डेगू रोग भी फैलता है, जिसमें मरीज को ठंड लगकर बुखार आता है। प्रायः बरसात के दिनों में जल जमा हो जाता है, जो खेत, तालाब, गड्ढे, खाई, घर के आसपास रखे हुए टूटे-फूटे डब्बे, पुराने टायर, पशु के पानी पीने का होद इत्यादि। इस प्रकार के भरे हुए पानी में प्रायः मच्छर के लार्वा पैदा होते है, जो बाद में मच्छर बनकर रोग फैलाते है। मलेरिया से बचाव हेतु घर के आसपास जल जमा न होने दे। रूके हुए पानी में मिट्टी का तेल या जला हुआ ऑईल डालें। कूलर, फूलदान, फ्रिज ट्रे आदि को सप्ताह में एक बार अवश्य साफ करें। सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। कीटनाशक का छिडकाव करवायें, मलेरिया रोग हो जाने पर खून की जांच अवश्य करायें एवं चिकित्सक की सलाह से पूर्ण उपचार लें।